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गडरिया लव पार्ट 3

तीसरा चौकीदार - कंचना नहीं,,,मंजूलिका है,,,पर यह फिल्म से निकलकर,,,यहां क्या कर रही है"?

चौथा चौकीदार - चलो इसे पकड़ कर लाते हैं"!

चारों गेट के पास आकर देखते हैं,,, उनके सामने एक खुले बालों वाली लड़की नाच रही है,,,तभी चौकीदार ने पूछा

चोकीदार-  कौन हो तुम"?

रिंकू - कंचना"! रिंकू ने दांत किटकीटाते हुए कहा

चौकीदार - कंचना हो तो मंजूलिका का गाना,,,,क्यों गा रही हो"? चौकीदार है डरते हुए पूछा

रिंकू - क्योंकि कभी-कभी मंजुलिका भी,,,मेरा गाना गाती है,,,गुमनाम है कोई,,,बदनाम है कोई"!

तभी धर्मेंद्र दीवार कुदकर अंदर गया और उसने शराब में बेहोशी की दवा मिलाई,,,तभी तीसरा चौकीदार बोला

चोकीदार - यह कोई कंचना या मंजूलिका नहीं है, ,इसके पांव तो सीधे हैं,,,

चोथा चौकीदार - हमे बेवकूफ बना रही है,,,पकड़ो इसे"! वह चारों रिंकू के पीछे भागे

तब धर्मेंद्र घर के अंदर छुप जाता है, फिर वह चारों रिंकू को घसीटते हुए,,,गेट के अंदर,,,आंगन में लाए

एक चौकीदार,,,रिंकू के मुंह से कपड़ा हटाता है,,,वह चारों,,,रिंकू की खूबसूरती देखकर चौंक जाते हैं,,,तब एक चौकीदार कहता है

चोकीदार - अरे,,,यह तो देसी मलाई है,,,इसे चाटने में बहुत मजा आएगा"!

दूसरा चौकीदार - शेर,,,शिकार करने के लिए जंगल जाता है,,ये तो खुद शिकार होने के लिए,,,,जंगल में आ गयी"!

चारों जोर-जोर से हंसने लगे,,,तभी तीसरे चौकीदार ने कहा

चोकीदार - इसे खटिया पर लेटाकर बांध दो,,,जैसे हम चारों शराब मिल बांटकर पीते हैं,,,वैसे ही इसका रस भी मिल बाटकर पियेंगे"!

रिंकू को खटिया से बांध दिया जाता है और मुंह भी बांध दिया जाता है,,,फिर वह चारों शराब पीने लगे और फिर साथ चारों,,,रिंकू की और बड़े,,,तभी धर्मेंद्र ने उन चारों की बंदूक उठाई और जैसे ही वह चारों रिंकू के पास पहुंचे,,,उनके पीछे से धर्मेंद्र ने कहा

धर्मेंद्र - अगर अब किसी ने एक कदम भी आगे बढ़ाया तो तुम्हारे घुटनों की कटोरी बंदूक की गोली से फोड़ दूंगा,,, और चारों को हमेशा के लिए लंगड़ा कर दूंगा,,,हां,,,"!

चारों डरते हुए पलटे और धर्मेंद्र के हाथ में उनकी बंदूक देखकर,,,भयभीत हो गये,,,तब धर्मेंद्र में आगे कहा

धर्मेंद्र - अगर अपनी जान प्यारी हो तो चारों,,,मुर्गा बन जाओ"!

तभी वह चारों,,,जोर-जोर से हंसने लगे,,,

धर्मेंद्र -  हंस क्यों रहे हो,,,पागल हो गए हो क्या"?

एक चौकीदार बोला - अबे गधे,,,यह बंदूक नकली है,,,सिर्फ लोगों को डराने के लिए,,,देवराज भाई ने दी है"!

धर्मेंद्र - तमारी जीजी की,,,नकली गुंडा,,,नकली डाकू"!

तभी वह चारों गुंडे धर्मेंद्र की ओर बड़े,,,तब धर्मेंद्र ने दो बंदूक हवा में उछाल कर,,,बंदूक घुमाई और कहा

धर्मेंद्र - जय बजरंगबली,,,तोड़ दे दुश्मन की नली"!

और चौकीदार पर प्रहार किया पर वह पहले ही बेहोश हो गया,,,दूसरे पर वार किया,,,वह भी बेहोश हो गया,,तीसरे पर वार करने गया वह भी बेहोश हो गया,,,ओर चौथा इन तीनों को बेहोश देखकर,,,बेहोश हो गया

फिर धर्मेंद्र ने बंधी हुई,,,रिंकू को खोला उस वक्त रिंकू ने धर्मेंद्र को बहुत प्यार से देखा

फिर दोनों देवराज के कमरे में आए,,,देवराज नशे में धूत,,,गहरी नींद में सोया है,,,तब धर्मेंद्र ने कहा

धर्मेंद्र - मैं यहां से ध्यान रखता हूं,,,तुम अंदर जाकर,,, फटाफट पेपर ले आओ"!

रिंकू,,,धीरे धीरे,,,देवराज के पास आई और उसने अपना खंजर निकाला और उसकी और बड़ी,,,,तभी धर्मेंद्र ने कहा

धर्मेंद्र - थोड़ी जल्दी करो,,,रिंकू"!

तब रिंकू ने सोए हुए देवराज से रहस्यमय ढंग से कहा

रिंकू -देवराज,,,अगर मैं,,,चाहूं तो तुझे,,,अभी मार कर,,,अपने परिवार का बदला ले सकती हूं पर मैं,,,तुझे पहले बर्बाद करुंगी,,,फिर तड़पा तड़पा कर मारुंगी"!

फिर रिंकू ने तिजोरी से पेपर निकाल कर,, बैग में रखें और धर्मेंद्र के पास आई और कहा

रिंकू - मिशन सक्सेसफुल"!

दोनों एक दूसरे की ओर मुस्कुराए

नेक्स्ट सीन

धर्मेंद्र के घर,,,,रात के 2:00 बजे,,,धर्मेंद्र ने पेट्रोल की बोतल,,,रिंकू की स्कूटी में डाली और कहां

धर्मेंद्र - इतने पेट्रोल में तुम,,,आराम से अपने घर पहुंच जाओगी"!

रिंकू - पर मेरा यहां से जाने का मन नहीं कर रहा है"!

धर्मेंद्र - फिर क्या मन कर रहा है"?

रिंकू - तुम्हारे बारे में सब कुछ जानने का मन कर रहा है"!

धर्मेंद्र - सब कुछ बताने के लिए कुछ नहीं है,,,खुली किताब हूं,,तुम्हारे सामने खड़ा हूं,,,पढ़ लो"!

रिंकू - पढ़ लिया"!

धर्मेंद्र - क्या पड़ा"!

रिंकू - यही कि,,,तुम एक नंबर के बेवकूफ हो,,,तुम्हें बेवकूफ बनाना बहुत आसान है"!

धर्मेंद्र - तुम्हारे लिए मैं,,,जिंदगी भर बेवकूफ बनने को तैयार हूं "!

रिंकू - ऐसा क्या है,,,मुझ में"?

धर्मेंद्र - तुम मेरा पहला प्यार हो और हमेशा रहोगी,,,हमारे बीच जो सौदा हुआ है,,,तुम्हें,,,उसे निभाने की जरूरत नहीं है,,,जो तुम्हारा दिल कहै,,,वही करना,,,रात बहुत हो चुकी है,,,दरवाजा लगा कर सो जाओ"! धर्मेंद्र में जाते हुए कहा

रिंकू - रुको,,,,मैं कोई पटाखा नहीं हूं,,,लड़की हूं और मेरे,,,मम्मी पापा,,,हीरो हीरोइन नहीं है,,,पापा बेंकर है और मम्मी टीचर है"!

धर्मेंद्र - मतलब,,,तुमने सुन लिया था"!

रिंकू - हां,,,,और आगे क्या कहा था तुमने,,कि अगर मैं मिल गई तो तुम्हारी,,,लाइफ बन जाएगी,,,तो समझो,,,तुम्हारी लाइफ बन गई"! रिंकू ने नजर झुकाकर शरमाते हुए कहा

धर्मेंद्र ने रिंकू के दिल की बात समझ ली और उसके हाथ अपने हाथों में लेकर कहा

धर्मेंद्र - में एक बार किसी का हाथ पकड़ लेता हूं तो जिंदगी भर नहीं छोड़ता हूं,,,अभी मौका है,,,एक बार और फिर से सोच लो"!

रिंकू उसी क्षण धर्मेंद्र से लिपटकर बोली

रिंकू - मैंने,,,बहुत सोच समझ कर,,,तुम्हें चुना है,,,क्या तुम तैयार हो"?

धर्मेंद्र - जब से होशियार हुआ हूं,,,तब से इस दिन की तैयारी कर रहा हूं"!

रिंकू - बदमाश"! रिंकू ने हटते हुए,,धर्मेंद्र की छाती पर मारा और बेड पर जाकर बैठ गई

धर्मेंद्र - गुड नाइट"! धर्मेंद्र में जाते हुए कहा

रिंकू - कहां जा रहे हो,,,यही सो जाओ,,,मुझे अकेले डर लगता है"!

धर्मेंद्र - ठीक है,,,तुम सो जाओ,,,मैं तुम्हें,,,सोते हुए देखना चाहता हूं"!

रिंकू,,,सोयी ओर धर्मेंद्र उसके सामने सोफे पर लेटा,,,दोनों एक दूसरे को देखते हैं,,,और स्लो मोशन में गाना बज रहा है,,, लग जा गले,,,कि फिर ये हंसी रात हो ना हो शायद फिर इस जनम में,,,मुलाकात हो ना हो

थोड़ी देर में रिंकू सो गई और धर्मेंद्र भी उसका सुंदर चेहरा,,,अपनी पलकों में भरकर सो गया

सुबह 6:00 बजे हैं,,,धर्मेंद्र की आंख खुली है,,,धर्मेंद्र ने बेड पर देखा,,,,रिंकू गायब,,,,वह बहुत बेचैन हो उठा और घर में ढुंढने लगा फिर वह रोड पर आकर रिंकू को ढूंढने लगा पर उसे रिंकू नहीं मिली,,,तभी धर्मेंद्र के पीछे से आवाज आई

"ओइ,,,धर्मेंद्र रुक"!

धर्मेंद्र ने पलट कर देखा देवराज और उसके चार साथी,,,हाथ बंदूक लेकर,,,गुस्से से आ रहे है,,,तब धर्मेंद्र ने मन में सोचा

धर्मेंद्र - कहीं इनको,,, मेरे बारे में पता तो नहीं चल गया,,,लड़की भी गई और अब जान भी गई,,,भाग धर्मेंद्र भाग"!  तभी धर्मेंद्र भागा और उसके पीछे  देवराज ओर उसके चोकीदार भी भागने लगे

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5 Comments

Mohammed urooj khan

16-Apr-2024 12:00 AM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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kashish

11-Apr-2024 08:58 AM

Fabulous

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Varsha_Upadhyay

10-Apr-2024 11:34 PM

Nice

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